कौन है श्रीलेखा मित्रा जो काफी चर्चित है | Sreelekha Mitra

Sreelekha Mitra: श्रीलेखा मित्रा एक भारतीय अभिनेत्री है जो बंगाली सिनेमा घरो मे अपने अच्छी कलकारी के लिए जानी जाती है। ये बीएफ़जेई पुरस्कार और आनंदलोक पुरस्कार की विजेता है। इन को होथत बृष्टि, अशोरजो प्रोदीप, रेनबो जेली, चौकाथ, स्वदे अहलादे और कांततर जैसी फिल्मों मे इनकी अच्छी कलकारी और अदाकारी के लिए जाना जाता है। DND BIOGRAPHY ब्लॉग के माध्यम से जानते है Sreelekha Mitra के बारे मे…..

Table of Contents

श्रीलेखा मित्रा का जीवन काल

श्रीलेखा मित्रा का जन्म 30 अगस्त 1972 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर में हुआ था। इनके पिता का नाम संतीश मित्रा था, जो एक सरकारी अधिकारी थे और माँ गृहिणी थीं। मित्रा ने कोलकाता  विशविदयालय मे अँग्रेजी साहित्य मे स्नातकोतर करने गई थी लेकिन कोलकाता के ताज होटल मे नौकरी मिलने के बाद मित्रा ने पढ़ाई छोड़ दी। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कोलकाता के एक स्थानीय स्कूल से पूरी की और बाद में उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। बचपन से ही श्रीलेखा मित्रा को अभिनय और नृत्य का शौक था।

Sreelekha Mitra
Sreelekha Mitra: Credit Instagram

श्रीलेखा मित्रा बंगाली फिल्म इंडस्ट्री की एक प्रमुख और प्रतिष्ठित अभिनेत्री हैं, जिन्होंने अपने अभिनय के दम पर न केवल बंगाल में बल्कि पूरे भारत में अपनी पहचान बनाई है। उनका जीवन और करियर कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

नाम श्रीलेखा मित्रा
जन्म दिन 30 अगस्त 1972
जन्म स्थान पश्चिम बंगाल, कोलकाता
पति का नाम सिलादित्य सान्याल
बेटी का नाम ओइन्द्रिला मित्रा
पिता का नाम संतीश मित्रा
पेशा अभिनेत्री और राजनीतिज्ञ
पुरस्कार बीएफ़जेई पुरस्कार, जी बांग्ला गौरव सम्मान और आनंदलोक पुरस्कार
राजनीतिक दल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
वेबसाइट का नाम sreelekhamitra.com

 

श्रीलेखा मित्रा का करियर की शुरुआत

श्रीलेखा मित्रा ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद होटल मे काम किया फिर टीवी मे काम किया क्योकि बचपन से इनक मन नृत्य और संगीत मे लगता था। इन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1996 में की थी। उनका पहला धारावाहिक वीबोर्न था, जो दूरदर्शन पर प्रसारित किया गया था। इस धारावाहिक ने उन्हें घर-घर में पहचान दिलाई और बंगाली दर्शकों के दिलों में जगह बनाई और श्रीलेखा ने काफी सुर्खिया बटोरी और इसके बाद उन्होंने कई धारावाहिकों में काम किया और अपनी अदाकारी से सबको प्रभावित किया और सबका दिल जीत लिया।

श्रीलेखा मित्रा का फिल्मी करियर

टीवी धारावाहिकों में सफलता प्राप्त करने के बाद श्रीलेखा का मन फिल्मों की ओर जाने लगा और इन्होने फिल्मों की तरफ रुख किया। उन्होंने 1999 में फिल्म सेइ सोमय से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने कई सफल फिल्मों में काम किया, जैसे ‘कांति’, ‘अमी आर्शो बोली’, और ‘चलो लेट्स गो’। श्रीलेखा ने अपने अभिनय के विभिन्न रंगों को दर्शाते हुए दर्शकों का दिल जीत लिया। उनकी फिल्मों में उन्होंने विभिन्न प्रकार के किरदार निभाए हैं, जिनमें रोमांटिक, नाटकीय और गंभीर भूमिकाएँ शामिल हैं।

श्रीलेखा मित्रा का पुरस्कार और सम्मान

श्रीलेखा मित्रा के अभिनय के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा गया है। उन्हें कई बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। 2005 में आई फिल्म ‘बॉस्टरफेम’ के लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का पुरस्कार मिला। इसके अलावा, उन्होंने कई और पुरस्कार भी अपने नाम किए, जो उनके करियर में महत्वपूर्ण मील के पत्थर साबित हुए।

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Sreelekha Mitra: Credit Instagram

श्रीलेखा मित्रा का सामाजिक कार्य

श्रीलेखा मित्रा न केवल एक सफल अभिनेत्री हैं, बल्कि वे समाज सेवा में भी सक्रिय रूप से भाग लेती हैं। वे विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर जरूरतमंदों की मदद करती हैं। उन्होंने महिला सशक्तिकरण, बाल शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। श्रीलेखा अपने सामाजिक कार्यों के लिए भी जानी जाती हैं और उन्हें एक संवेदनशील और दयालु व्यक्तित्व के रूप में देखा जाता है।

श्रीलेखा मित्रा का निजी जीवन

श्रीलेखा मित्रा का निजी जीवन भी बहुत चर्चित रहा है। उन्होंने संजीव मित्रा से विवाह किया, जो एक फिल्म निर्देशक हैं। हालांकि, उनका विवाह लंबे समय तक नहीं चल सका और दोनों का तलाक हो गया। उनकी एक बेटी भी है, जिसका नाम ओइन्द्रिला मित्रा है। श्रीलेखा अपनी बेटी के साथ अपना जीवन बिता रही हैं और अपने अभिनय करियर के साथ-साथ एक माँ की भूमिका भी बखूबी निभा रही हैं। श्रीलेखा मित्रा ने अपने अभिनय के दम पर बंगाली फिल्म इंडस्ट्री में एक मजबूत स्थान बनाया है। वे आज भी फिल्मों और टेलीविजन में सक्रिय हैं और अपने दर्शकों को लगातार मनोरंजन प्रदान कर रही हैं। उनके अभिनय के प्रति समर्पण, उनकी मेहनत और उनकी अद्वितीय शैली ने उन्हें बंगाली सिनेमा की एक अमूल्य धरोहर बना दिया है।

श्रीलेखा मित्रा का समाज सेवा तक का सफर

श्रीलेखा मित्रा का जीवन न केवल उनके फिल्मी करियर के लिए बल्कि उनकी सामाजिक जिम्मेदारियों और निजी संघर्षों के लिए भी जाना जाता है। यह एक ऐसी यात्रा है जिसने उन्हें बंगाली फिल्म इंडस्ट्री की एक महत्वपूर्ण हस्ती बना दिया है।

इनका जीवन और उनका करियर इस बात का प्रमाण है कि यदि किसी में प्रतिभा और मेहनत का सही संयोजन हो, तो वह किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकता है। उन्होंने अपनी अभिनय क्षमता से यह साबित किया है कि एक सच्चा कलाकार वही होता है, जो अपने काम से लोगों के दिलों पर छाप छोड़ सके। उनकी कहानी न केवल अभिनय की दुनिया में बल्कि आम जीवन में भी प्रेरणा का स्रोत है।

एक अभिनेत्री के रूप में श्रीलेखा

श्रीलेखा मित्रा ने अपने अभिनय से बंगाली सिनेमा में एक नई ऊर्जा और नई दिशा दी है। उनकी भूमिकाएँ हमेशा ही यादगार रही हैं, चाहे वह एक स्वतंत्र विचारधारा वाली महिला का किरदार हो या एक पारंपरिक भारतीय नारी का। उन्होंने हर प्रकार की भूमिकाओं को निभाया है और हर बार अपनी अद्वितीय अभिनय क्षमता से दर्शकों को प्रभावित किया है। उनकी फिल्मों में उनके किरदारों ने हमेशा ही एक गहरी छाप छोड़ी है। ‘अश्चर्यप्रदीप’, ‘त्रिया चरित्र’, ‘अजीब गल्पो’, और ‘हमी’ जैसी फिल्मों में उन्होंने अपनी बहुमुखी प्रतिभा का परिचय दिया है।

फिल्मों और टीवी के अलावा, श्रीलेखा मित्रा थिएटर में भी सक्रिय रही हैं। थिएटर के प्रति उनकी दीवानगी ने उन्हें स्टेज पर भी चमकने का मौका दिया। उन्होंने बंगाली थिएटर में कई महत्वपूर्ण नाटकों में अभिनय किया और दर्शकों से अपार सराहना प्राप्त की। थिएटर के प्रति उनका यह जुनून उनके अभिनय में गहराई और विस्तार का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। थिएटर ने उन्हें अभिनय के बारीकियों को और गहराई से समझने का अवसर दिया और उनके फिल्मी करियर को और मजबूत किया।

विवाद और आलोचनाएँ

अपने करियर के दौरान, श्रीलेखा मित्रा ने कई विवादों का भी सामना किया। फिल्म इंडस्ट्री में उनके खुले विचार और बेबाकी ने उन्हें कई बार विवादों में घेरा, लेकिन उन्होंने हमेशा अपने सिद्धांतों पर कायम रहते हुए आगे बढ़ने का निर्णय लिया। उनका मानना है कि एक कलाकार को अपने विचारों के प्रति ईमानदार रहना चाहिए, चाहे उसकी कितनी भी आलोचना क्यों न हो। उनके इस दृढ़ निश्चय ने उन्हें एक सशक्त और स्वतंत्र महिला के रूप में स्थापित किया है।

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राजनीति में कदम

श्रीलेखा मित्रा ने 2021 में राजनीति में भी कदम रखा। उन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में हिस्सा लिया और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा। हालांकि उन्हें चुनाव में जीत नहीं मिली, लेकिन उन्होंने राजनीति के मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उनका मानना है कि एक कलाकार को समाज के विभिन्न मुद्दों पर खुलकर बोलना चाहिए और अपने प्रभाव का उपयोग समाज सुधार के लिए करना चाहिए। राजनीति में उनके कदम ने उनके व्यक्तित्व के नए पहलू को उजागर किया, जहाँ उन्होंने समाज सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई।

श्रीलेखा मित्रा की प्रेरणाएँ, सामाजिक और आदर्श

श्रीलेखा मित्रा के जीवन पर उनकी माँ का बहुत बड़ा प्रभाव रहा है। उनकी माँ ने उन्हें सिखाया कि एक महिला को हमेशा आत्मनिर्भर और मजबूत होना चाहिए। श्रीलेखा ने अपनी माँ से ही आत्मनिर्भरता और साहस की सीख ली और उसे अपने जीवन में अपनाया। इसके अलावा, उन्होंने कई अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों से भी प्रेरणा ली है, जिनमें मर्लिन मुनरो, विद्या बालन और श्रीदेवी जैसी हस्तियाँ शामिल हैं।

इनका जीवन संघर्षों से भरा रहा है। बचपन से ही उन्होंने कठिनाइयों का सामना किया है। फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने के बाद भी उन्हें अपने पैर जमाने में काफी कठिनाई हुई। शुरुआती दौर में उन्हें कई बार निराशा का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उनके संघर्षों ने उन्हें और भी मजबूत बनाया और उन्होंने यह साबित किया कि सच्ची मेहनत और लगन से कोई भी मुश्किल को पार किया जा सकता है।

ये अपने भविष्य को लेकर काफी सकारात्मक हैं। वे आगे भी फिल्मों और थिएटर में काम करना चाहती हैं और दर्शकों के लिए नई-नई कहानियाँ पेश करना चाहती हैं। इसके साथ ही वे समाज सेवा के क्षेत्र में भी सक्रिय रहने की योजना बना रही हैं। वे चाहती हैं कि उनके काम से समाज में सकारात्मक बदलाव आए और लोगों के जीवन में सुधार हो।

श्रीलेखा मित्रा का समाज के प्रति दृष्टिकोण बहुत ही सकारात्मक और संवेदनशील है। वे मानती हैं कि एक कलाकार का काम केवल मनोरंजन करना ही नहीं है, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी निभाना है। उनके सामाजिक कार्यों में महिला सशक्तिकरण और बच्चों की शिक्षा का विशेष स्थान है। वे समाज के कमजोर वर्गों के लिए आवाज उठाने में विश्वास रखती हैं और उन्हें बेहतर जीवन जीने के अवसर देने के लिए काम करती हैं।

निष्कर्ष

श्रीलेखा मित्रा का जीवन और करियर यह साबित करता है कि सच्ची लगन, मेहनत और आत्मविश्वास से कोई भी शिखर को छू सकता है। उनकी कहानी एक ऐसी प्रेरणा है जो हमें सिखाती है कि जीवन में संघर्षों का सामना करने से ही हम असली सफलता प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने अपने अभिनय से न केवल बंगाली सिनेमा में बल्कि पूरे भारत में एक अलग पहचान बनाई है। उनकी सामाजिक सेवाओं और उनके विचारों ने उन्हें एक सशक्त और प्रेरणादायक व्यक्तित्व के रूप में स्थापित किया है।

आज श्रीलेखा मित्रा उन सभी लोगों के लिए एक आदर्श हैं, जो अपने जीवन में कुछ बड़ा करना चाहते हैं और समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं। उनका जीवन यह संदेश देता है कि यदि आप अपने सपनों का पीछा करने का साहस रखते हैं, तो सफलता आपके कदमों में होगी।

हम आपसे उम्मीद करते हैं कि “Sreelekha Mitra” लेख को आपको पढ़कर पसंद और आनंद आया होगा। इस लेख से संबंधित अगर आपका कोई भी राय या सवाल है तो आप हमे कमेंट करके पूछ सकते हैं। आपको इस लेख को पूरी पढ़ने के लिए दिल से धन्यबाद। अगला लेख आपके बीच बहुत ही जल्द आएगा। कृपया “DND BIOGRAPHY” को फॉलो करें।

FAQs

श्रीलेका मित्रा कौन हैं?

श्रीलेका मित्रा एक प्रमुख बंगाली अभिनेत्री और थिएटर कलाकार हैं, जो बंगाली सिनेमा और टेलीविजन में अपने प्रभावशाली किरदारों के लिए जानी जाती हैं।

श्रीलेखा मित्रा की प्रमुख फ़िल्में कौन सी हैं?*

उनकी कुछ प्रमुख फ़िल्में हैं हेमांतेर पाखी, काली, पातालघर, और बेलाशेषे।

श्रीलेखा मित्रा ने अपने करियर की शुरुआत कब की थी?

श्रीलेखा ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 1990 के दशक में की थी, जब उन्होंने बंगाली टेलीविज़न में अपनी पहली प्रस्तुति दी थी।

श्रीलेखा मित्रा को कौन-कौन से अवार्ड्स मिले हैं?

लेखा ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन के लिए कई पुरस्कार जीते हैं, जिनमें BFJA Awards और Zee Bangla Gourav Samman शामिल हैं।

श्रीलेखा मित्रा का जन्म कब हुआ था?

श्रीलेखा मित्रा का जन्म 30 अगस्त 1972 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर में हुआ था।

श्रीलेखा मित्रा का पिता का क्या नाम है?

इनके पिता का नाम संतीश मित्रा था, जो एक सरकारी अधिकारी थे।

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