Kala Utsav 2025: भारत एक रंग-बिरंगा देश है जहाँ कला और संस्कृति को बहुत महत्व दिया जाता है। हमारे देश में नृत्य, संगीत, चित्रकला, नाटक और हस्तकला जैसी अनेक कलाएँ हैं, जो हमारी पहचान का हिस्सा हैं। इन्हीं कलाओं को बढ़ावा देने और बच्चों की छिपी प्रतिभा को बाहर लाने के लिए “कला उत्सव” नाम की एक प्रतियोगिता हर साल आयोजित की जाती है।

कला उत्सव क्या है
कला उत्सव एक राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता है जो स्कूली बच्चों के लिए होती है। इसमें बच्चे अपनी कला और रचनात्मकता दिखाते हैं। वर्ष 2023 और 2024 के विजेता छात्रों के लिए एक विशेष 10 दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसमें उन्हें और आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है।
यह कार्यक्रम कब और कहाँ हो रहा है
यह कार्यक्रम 5 मई 2025 से 14 मई 2025 तक दिल्ली में स्थित राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (NBT) परिसर में हो रहा है। इसका आयोजन एनसीईआरटी (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) द्वारा किया गया है। शिक्षा मंत्रालय का स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग भी इसमें सहयोग कर रहा है।
कार्यक्रम की मुख्य बातें
इस कार्यक्रम में बच्चों को केवल कला दिखाने का मौका ही नहीं मिल रहा, बल्कि उन्हें अलग-अलग क्षेत्रों में सीखने का भी अवसर दिया जा रहा है। नीचे तालिका के रूप में मुख्य गतिविधियाँ दी गई हैं:
गतिविधि | विवरण |
गायन सत्र | बच्चों द्वारा भावपूर्ण गीतों की प्रस्तुति |
नृत्य प्रदर्शन | अलग-अलग राज्यों के लोकनृत्य शामिल |
कला कार्यशालाएँ | चित्रकला, मिट्टी की मूर्तियाँ, पोस्टर आदि |
सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम | एक-दूसरे की भाषा और संस्कृति को जानना |
शिक्षकों के लिए सत्र | बच्चों को सही दिशा देने की विधियाँ सीखना |
20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से छात्र
इस विशेष कार्यक्रम में देश के 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 100 से भी अधिक छात्र और शिक्षक शामिल हुए हैं। इसका उद्देश्य केवल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि बच्चों के बीच दोस्ती, समझ और एकता बढ़ाना भी है। यह “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की सोच को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
नई शिक्षा नीति से जुड़ाव
यह कार्यक्रम भारत की नई शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के अनुरूप है, जिसमें बच्चों को केवल किताबों से नहीं, बल्कि अनुभव से भी सिखाने पर ज़ोर दिया गया है। यहाँ बच्चे अलग-अलग विषयों को खेल, कला और संगीत के ज़रिए सीख रहे हैं।
बच्चों का उत्साह और प्रतिक्रिया
इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले बच्चे बहुत खुश हैं। उन्हें नए दोस्त मिल रहे हैं, और वे नई-नई चीज़ें सीख रहे हैं। कई बच्चों ने बताया कि उन्होंने पहली बार मंच पर परफॉर्म किया और उन्हें बहुत अच्छा लगा। वहीं, शिक्षकों का भी कहना है कि ऐसा कार्यक्रम बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
निष्कर्ष
कला उत्सव जैसे कार्यक्रम न केवल बच्चों की कला को सामने लाते हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी भी बनाते हैं। यह एक ऐसा मंच है जहाँ बच्चे बिना किसी दबाव के खुद को व्यक्त कर सकते हैं। साथ ही, उन्हें भारत की विविधता को जानने और समझने का मौका मिलता है। इससे बच्चों में भाईचारे, सहयोग और राष्ट्रीय एकता की भावना भी मजबूत होती है।
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FAQs
कला उत्सव क्या है?
कला उत्सव स्कूली छात्रों के लिए एक राष्ट्रीय प्रतियोगिता है जिसमें वे गायन, नृत्य, चित्रकला आदि में हिस्सा लेते हैं।
कला उत्सव कार्यक्रम किसने आयोजित किया है?
यह कार्यक्रम एनसीईआरटी ने शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया है।
कला उत्सव कार्यक्रम की अवधि कितनी है?
यह 10 दिन का कार्यक्रम है, जो 5 मई से 14 मई 2025 तक चल रहा है।
कला उत्सव कार्यक्रम से बच्चों पर क्या असर हो रहा है?
इससे बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ रहा है, वे अपनी प्रतिभा को पहचान रहे हैं और नई बातें सीख रहे हैं।
कला उत्सव कार्यक्रम मे कौन-कौन हिस्सा ले रहा है?
देश के 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 100 से ज्यादा छात्र और शिक्षक इसमें भाग ले रहे हैं।