Paetongtarn Shinawatra Biography in Hindi: थाईलैंड के राजनीतिक मंच पर पैटोगटार्न शिनावात्रा एक प्रमुख नेता के रूप में उभरी हैं। वह सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री हैं और शिनावत्रा परिवार की तीसरी सदस्य हैं, जो इस पद पर पहुंची हैं, जिसके चलते आज काफी सुर्ख़ियो मे है। उनके पिता थाकसिन शिनावात्रा और मौसी यिंगलक शिनावात्रा ने पहले प्रधानमंत्री के रूप में सेवा दी है। इनके पास राजनीतिक अनुभव कम है लेकिन परिवार के दो सदस्य पहले प्रधानमंत्री रह चुके है जिसके कारण इनका नाम सुर्ख़ियो मे आ गया।
मुख्य बिन्दु
- पैटोगटार्न शिनावात्रा थाईलैंड की सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री हैं।
- वह शिनावात्रा परिवार की प्रधानमंत्री के रूप मे तीसरी सदस्य हैं।
- पैटोगटार्न शिनावात्रा के पास राजनीतिक अनुभव कम है, लेकिन वह अपने परिवार के प्रभाव का लाभ उठा रही हैं।
- शिनावात्रा परिवार की पार्टियों ने 2001 से चुनावों में सबसे अधिक सीटें जीती हैं, लेकिन कई बार गोलाकूट के कारण बाहर किए गए थे।
- पैटोगटार्न शिनावात्रा की उम्मीदवारी में युवा मतदाताओं का समर्थन अनिश्चित है क्योंकि थाईलैंड में सुधार और पीढ़ी परिवर्तन की मांग थे।
पूरा नाम | पैटोगटार्न शिनावात्रा |
निक नाम | उंग इंग |
जन्म दिन | 21 अगस्त 1986 |
जन्म स्थान | बैकॉक थाईलैंड |
शिक्षा | बीए और एमएमसी (B.A. & M.M.C.) |
पेशा | राजनीतिज्ञ और व्यापार |
पति का नाम | पिटक सुकसावट |
माता का नाम | पोटजामन ना पोम्बेजरा |
पिता का नाम | थाकसिन शिनावात्रा |
राजनीतिक दल | फेउ थाई |
बच्चे | पैटोगटार्न शिनावात्रा के 2 बच्चे है, |
कौन है पैटोगटार्न शिनावात्रा
पैटोगटार्न शिनावात्रा 18 अगस्त 2024 को बैंकॉक थायलैंड की प्रधानमंत्री बन चुकी है और काफी सुर्ख़ियो मे है क्योकि बहुत ही कम उम्र मे थायलैंड की दूसरी महिला प्रधानमंत्री की पद हाशिल की है। इनका जन्म 21 अगस्त 1986 को बैकॉक थाईलैंड मे हुआ था। इनका निक नाम उंग इंग है। इनके पिता का नाम थाकसिन शिनावात्रा और माता का नाम पोटजामन ना पोम्बेजरा है। इनके पति का नाम पिटक सुकसावट है, इनकी शादी 2019 मे हुई थी और इनके दो बच्चे भी है। शिनावात्रा परिवार थाईलैंड की राजनीति में प्रभावशाली है। शिनावात्रा इस परिवार की तीसरी पीढ़ी हैं, जो प्रधानमंत्री पद संभाल रही हैं।
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पैटोगटार्न शिनावात्रा की जीवन काल
पैटोगटार्न शिनावात्रा ने 17 साल की उम्र मे ही सुर्खिया बटोर ली थी, जब पढ़ाई के दौरान इन्होने मैकडॉनल्ड्स मे पार्ट टाइम की नौकरी की थी। इन्होंने राजनीति में कदम 2021 मे रखा था और अब थाईलैंड की प्रधानमंत्री हैं। उनके परिवार के राजनीतिक प्रभाव से लाभ उठाया है, लेकिन कई चुनौतियां हैं। उनके पास राजनीतिक अनुभव कम है और शाही संस्थान और सेना के साथ टकराव का खतरा है। इन्होंने अपने पूर्व प्रधानमंत्री पिता थाकसिन शिनावात्रा के राजनीतिक प्रभाव का लाभ उठाया है। पैटोगटार्न थाईलैंड की सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री हैं। उनके पास राजनीतिक अनुभव कम है, लेकिन नेतृत्व कौशल से राजनीति में अपनी पहचान बना रही हैं।
इन्होंने राजनीति में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने अपने काम और नेतृत्व कौशल से राजनीतिक मंच पर अपनी छाप छोड़ी है। हालांकि, शाही संस्थान और सैन्य के साथ टकराव उनके लिए एक बड़ी चुनौती भी इनके सामने है।
“मैं अपने पिता के राजनीतिक प्रभाव का लाभ उठा रही हूं, लेकिन मैं अपने मार्ग पर चल रही हूं और अपनी पहचान बना रही हूं।” ऐसा पैटोगटार्न का कहना है।
पैटोगटार्न शिनावात्रा का भविष्य अभी भी अस्पष्ट है, लेकिन वह अपने कार्यकाल में कई सफलताएं हासिल कर सकती हैं। उनका नेतृत्व कौशल और राजनीतिक लक्ष्य उनके लिए बड़ा मूल्य हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि वह अपने कार्यकाल में कितनी सफलता हासिल कर पाती हैं।
बैंकॉक थाईलैंड की सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री
पैटोगटार्न शिनावात्रा 37 साल की उम्र में थाईलैंड की सबसे कम उम्र वाली दूसरी महिला प्रधानमंत्री बनीं है। इनका कहना है कि “मैं अपने पिता और परिवार के उत्तराधिकारी के रूप में अपने कर्तव्यों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।” इनको 310 सांसदो का समर्थन मिला है और 145 सदस्यो ने इनके खिलाफ वोट किया था, जबकि 27 सांसदो ने वोटिंग मे भाग नहीं लिया था। यह अपने परिवार कि तीसरी राजनेता है।
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पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा की पुत्री
पैटोगटार्न शिनावात्रा थाकसिन शिनावात्रा की पुत्री हैं। इनके पिता थाकसिन शिनावात्रा 2001 से 2006 तक थाईलैंड के प्रधानमंत्री थे। इनके पिता थाईलैंड की राजनीति में प्रभावशाली हस्तियों में से एक हैं। पूर्व प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन को नैतिकता के उलंघन मामलो मे अदालत ने इन्हे पद से हटा दिया जिसके कारण इनको मौका मिल गया और थायलैंड कि 31वी प्रधानमंत्री बन गई।
पैटोगटार्न शिनावात्रा की राजनीतिक पारी
पैटोगटार्न शिनावात्रा ने 2021 में राजनीति में कूदने का फैसला किया था और राजनीति मे आ गई लेकिन बाद मे उन्होंने अपने परिवार के होटल व्यवसाय का संचालन किया और फिर से 2023 के चुनाव से पहले फिर से राजनीति में शामिल हुईं। ये फेउ थाई पार्टी (Pheu Thai Party) की नेता हैं और प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार भी थीं। प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन के निधारण के बाद, इनको नया प्रधानमंत्री चुना गया। यह इनके राजनीतिक करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिससे वह थाईलैंड की सबसे कम उम्र की दूसरी महिला प्रधानमंत्री बनीं। उनके नेतृत्व में फूट पार्टी ने चुनाव जीता और एक नई सरकार की स्थापना का संकल्प लिया है। इनका लक्ष्य थाईलैंड में सुधार और विकास को बढ़ावा देना है। वह अपने पिता थाकसिन शिनावात्रा के राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं। “मेरा लक्ष्य विभाजन को कम करना और थाईलैंड को एक बेहतर और समृद्ध देश बनाना है।”
शिनावात्रा की राजनीतिक पारी में कई चुनौतियां हैं, लेकिन वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वह थाईलैंड के लोगों के लिए एक नई उम्मीद जगा रही हैं और आगे बढ़ रही है।
शाही संस्थान और सैन्य के साथ टकराव
एक रिपोर्ट के अनुसार पैटोगटार्न शिनावात्रा के प्रधानमंत्री बनने से शाही परिवार और सेना के बीच टकराव होने कि संभावना है। शाही परिवार और सेना पारंपरिक व्यवस्था को बचाना चाहते हैं, लेकिन ये नई दिशा में जाना चाहती हैं। इनको इन चुनौतियों का सामना करना पड सकता है। थाईलैंड में राजनीतिक गतिरोध लंबे समय से चला आ रहा है। शिनावात्रा परिवार ने इस में प्रमुख भूमिका निभाई है। इनके प्रधानमंत्री बनने से स्थिति और जटिल हो सकती है। उन्हें शाही परिवार और सेना के साथ संतुलन बनाए रखना होगा।
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पैटोगटार्न शिनावात्रा कुल संपति
एक रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान मे एक कंपनी मे सबसे बड़ी शेयर धारक है, जिसकी 28.5 फीसदी (लगभग 152 मिलीयन डॉलर) कि हिस्सेदारी है। रिपोर्ट के अनुसार बताया जाता है कि इनकी कुल संपति लगभग 2.1 बिलीयन डॉलर है।
निष्कर्ष
पैटोगटार्न शिनावात्रा ने थाईलैंड की प्रधानमंत्री का पद संभाला है, जिसका लाभ उन्होंने अपने परिवार के राजनीतिक इतिहास से उठाया है। हालांकि, उन्हें सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। थाईलैंड में राजनीतिक अस्थिरता का दौर जारी है और इनके कार्यकाल में भी यह स्थिति बदलने की संभावना कम प्रतीत होती है।
शिनावात्रा परिवार की भूमिका थाईलैंड की राजनीति में विवादित पद रही है। इनको इस परिवेश में संतुलन बनाए रखना और अपने आप को स्वतंत्र रखना पड़ेगा। उनकी भविष्य की संभावनाएं राजनीतिक स्थिरता और शिनावात्रा परिवार की भूमिका पर निर्भर करेंगी।
सामान्य रूप से, पैटोगटार्न शिनावात्रा के नेतृत्व में थाईलैंड की राजनीतिक स्थिरता एक चुनौती बनी हुई है। उनके कार्यकाल में देश के सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव आने की संभावना है।
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FAQs
पैटोगटार्न शिनावात्रा कौन हैं?
पैटोगटार्न शिनावात्रा थाईलैंड की राजनीति में एक प्रमुख नेता हैं। वह सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री हैं और शिनावत्रा परिवार की तीसरी सदस्य हैं।
पैटोगटार्न शिनावात्रा का जन्म कब और कहां हुआ था?
पैटोगटार्न शिनावात्रा 21 जून 1986 को थायलैंड मे जन्म हुआ था। वह थाकसिन शिनावात्रा की पुत्री हैं, जो पूर्व प्रधानमंत्री थे।
पैटोगटार्न शिनावात्रा कब से राजनीति में सक्रिय हैं?
2021 में पैटोगटार्न शिनावात्रा ने राजनीति में प्रवेश किया। उन्होंने अपने परिवार के होटल व्यवसाय का प्रबंधन किया। 2023 के चुनावों से पहले फिर से सक्रिय हुईं।
पैटोगटार्न शिनावात्रा कब प्रधानमंत्री बनीं?
प्रधानमंत्री स्रेथ थावीसिन को हटा दिया गया था। इसके बाद पैटोगटार्न शिनावात्रा को नए प्रधानमंत्री चुना गया। इस तरह पैटोगटार्न शिनावात्रा थाईलैंड की प्रधानमंत्री बन गईं।
पैटोगटार्न शिनावात्रा के सामने कौन-कौन सी चुनौतियां हैं?
पैटोगटार्न शिनावात्रा के सामने राजनीतिक अनुभव की कमी है। शाही संस्थान और सेना के साथ टकराव की चुनौतियां हैं। थाईलैंड में राजनीतिक अस्थिरता का दौर है, जिसका सामना करना होगा।