Mahakumbh Mela 2025 | 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में लगाया पवित्र डुबकी

Mahakumbh Mela 2025: 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में लगाया पवित्र डुबकी: महाकुंभ 2025, 12 वर्षों  के बाद आयोजित होने वाला महोत्सव, प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में आरंभ हो चुका है। यह आयोजन 15 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा। पहले ही दिन लाखों श्रद्धालुओं ने इस भव्य मेले में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया।

मकर संक्रांति पर अमृत स्नान

मकर संक्रांति के दिन 3.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर सभी संतों, कल्पवासियों और श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने आयोजन को सफल बनाने के लिए अखाड़ों, प्रशासन, सफाई कर्मियों और सभी विभागों को धन्यवाद दिया।

Mahakumbh Mela 2025
Mahakumbh Mela 2025

मुख्य तथ्य

विवरण जानकारी
आयोजन स्थल प्रयागराज का त्रिवेणी संगम
प्रारंभ तिथि 15 जनवरी 2025 (मकर संक्रांति)
समाप्ति तिथि 26 फरवरी 2025
श्रद्धालुओं की संख्या पहले दिन 3.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालु
प्रमुख स्नान अमृत स्नान, शाही स्नान

मुख्यमंत्री का संदेश

योगी आदित्यनाथ ने कहा:

“महाकुंभ-2025, प्रयागराज के इस अद्भुत संगम में आज 3.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया। सभी को शुभकामनाएं। इस आयोजन के सफल संचालन के लिए सभी का धन्यवाद। आइए, हम पुण्य के इस महोत्सव का हिस्सा बनें।”

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अमृत स्नान का प्रारम्भ

15 जनवरी की सुबह 3 बजे ‘ब्रह्म मुहूर्त’ में अमृत स्नान की शुरुआत हुई। कड़ाके की ठंड और ठंडे जल के बावजूद श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचे।

  • कई श्रद्धालु अपने बच्चों और बुजुर्गों को साथ लेकर आए।
  • “हर हर महादेव”, “जय श्री राम” और “जय गंगा मैया” के जयकारे गूंजते रहे।
  • नागा साधु, भस्म लगाकर और त्रिशूल लेकर, घोड़ों पर सवार होकर शाही स्नान के लिए पहुंचे।

महाकुंभ का महत्व

महाकुंभ भारतीय संस्कृति का सबसे बड़ा धार्मिक उत्सव है। यह हर 12 वर्षों में आयोजित होता है और इसमें लाखों लोग एकत्र होकर स्नान करते हैं।

  • धार्मिक महत्व: मान्यता है कि कुंभ में स्नान से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • सामाजिक एकता: महाकुंभ में सभी वर्ग और धर्म के लोग एकत्र होकर भारतीय संस्कृति की विविधता और एकता का प्रतीक बनते हैं।

निष्कर्ष

महाकुंभ 2025 भारतीय संस्कृति और आस्था का अद्भुत संगम है। मकर संक्रांति के पहले स्नान पर करोड़ों श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान कर अपनी आस्था को व्यक्त किया। यह आयोजन भारतीय संस्कृति की समृद्धि, एकता और परंपराओं का परिचायक है।

हम आपसे उम्मीद करते हैं कि “Mahakumbh Mela 2025” लेख को आपको पढ़कर अच्छी जानकारी मिली होगी और पसंद आया होगा। इस लेख से संबंधित अगर आपका कोई भी राय या सवाल है तो आप हमे कमेंट करके पूछ सकते हैं। आपको इस लेख को पूरी पढ़ने के लिए दिल से धन्यबाद। अगला लेख आपके बीच बहुत ही जल्द आएगा। कृपया “DND EDUCATION NEWS” को फॉलो करें।

FAQs

महाकुंभ 2025 कहां आयोजित हो रहा है?

महाकुंभ 2025 प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में आयोजित हो रहा है।

महाकुंभ कितने समय के लिए आयोजित होता है?

महाकुंभ लगभग 1.5 महीने तक चलता है।

अमृत स्नान कब शुरू होगा?

अमृत स्नान 15 जनवरी की सुबह 3 बजे ब्रह्म मुहूर्त में शुरू होगा।

मकर संक्रांति पर कितने लोगों ने स्नान किया?

मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़ से अधिक लोगों ने संगम में स्नान किया।

महाकुंभ का धार्मिक महत्व क्या है?

मान्यता है कि कुंभ में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

महाकुंभ का आयोजन कितने वर्षों में होता है?

महाकुंभ का आयोजन हर 12 वर्षों में होता है।

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