Alankrita Singh IPS | आईपीएस अधिकारी जिन्होंने इस्तीफा देकर काफी सुर्खिया बटोरी

Alankrita Singh IPS: अलंकृता सिंह 2008 बैच की आईपीएस अधिकारी है जिन्होने यूपीएससी परीक्षा पास कर देश की सेवा की और कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। हालांकि ये साल 2021 में बिना अनुमति के लंदन यात्रा करने के कारण वह विवादों में आ गई। इनके खिलाफ विभागीय जांच हुई, जिसमें इन्हें लापरवाही और अनुशासनहीनता का दोषी पाया गया। इसके चलते इन्हें निलंबित कर दिया गया और बाद में इन्होंने इस्तीफा दे दिया। हाल ही में इनके इस्तीफे को सरकार ने मंजूरी दे दी।

अलंकृता सिंह आईपीएस अधिकारी इस्तीफा देकर सुर्खियां बटोरी

अलंकृता सिंह साल 2008 बैच की भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की अधिकारी, जिन्होंने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इनका इस्तीफा और उससे जुड़ी घटनाएं इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई हैं। अलंकृता की यह कहानी यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा पास करने के बाद शुरू हुई, लेकिन कुछ वर्षो में ही इनके करियर ने एक नया मोड़ ले लिया।

Alankrita Singh IPS
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अलंकृता सिंह का करियर और विवाद की शुरुआत

झारखंड के जमशेदपुर से ताल्लुक रखने वाली अलंकृता सिंह ने यूपीएससी परीक्षा पास कर साल 2008 में आईपीएस अधिकारी के रूप में सेवा शुरू की थी। इन्होंने प्रशासनिक और पुलिस क्षेत्र में कई अहम जिम्मेदारिया संभाली। मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में इन्होंने चार साल तक डिप्टी डायरेक्टर के पद पर काम किया।

हालांकि साल 2021 में उनके करियर में विवाद तब शुरू हुआ, जब उन्होंने बिना अनुमति के लंदन यात्रा की। इस यात्रा के लिए न तो इन्होंने आधिकारिक मंजूरी ली और न ही छुट्टी स्वीकृत करवाई। इसके बाद इनकी गैरमौजूदगी पर सवाल उठाए गए और विभागीय जांच शुरू हुई।

क्या हुआ लंदन यात्रा के दौरान

साल 2021 में, अलंकृता सिंह लंदन चली गई, जहां इनके पति रहते हैं। इस दौरान इन्होंने महिला एवं बाल संरक्षण संगठन के एडीजी को व्हाट्सएप कॉल के जरिए बताया कि वह लंदन में हैं। अलंकृता उस समय इसी विभाग में कार्यरत थीं। हालांकि इनकी यह कार्रवाई सरकारी नियमों के खिलाफ मानी गई।

सरकार ने इनकी गैरहाज़िरी और बिना सूचना के विदेश यात्रा को गंभीर अनुशासनहीनता और लापरवाही माना। इसके बाद इनके खिलाफ “अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन और अपील) नियम, 1969” के तहत कार्यवाही शुरू की गई।

निलंबन और इस्तीफा

सरकार ने 23 दिसंबर 2021 को अलंकृता सिंह को चार्जशीट जारी की। इसके चार महीने बाद अप्रैल 2022 में इन्हें निलंबित कर दिया गया। निलंबन के दौरान इन्हें केवल निर्वाह भत्ता (subsistence allowance) दिया गया और यह सुनिश्चित किया गया कि यह किसी अन्य नौकरी, व्यापार, या व्यवसाय में शामिल न हों।

अलंकृता ने इसी दौरान उत्तर प्रदेश सरकार को अपना इस्तीफा सौंप दिया। हालांकि सरकारी प्रक्रियाओं में समय लगने के कारण इनका इस्तीफा तुरंत स्वीकार नहीं किया गया। हाल ही में सभी कानूनी और प्रशासनिक औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद, सरकार ने इनका इस्तीफा स्वीकृत कर लिया है।

अलंकृता सिंह कार्यकाल की मुख्य बातें

अलंकृता सिंह ने अपने करियर के दौरान कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। महिला एवं बाल संरक्षण संगठन में एसपी के रूप में इनकी भूमिका सराहनीय रही। इन्होंने भ्रष्टाचार और अपराध से निपटने के लिए भी काफी प्रयास किए। हालांकि इनके करियर का अंत विवादों और अनुशासनहीनता के साथ हुआ।

अलंकृता की कहानी का संदेश

अलंकृता सिंह ने साल 2008 बैच की यूपीएससी पास कर अपने करियर की शुरुआत की और कई अहम पदों पर काम किया। लेकिन साल 2021 में बिना अनुमति के लंदन यात्रा और अनुशासनहीनता के कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया। उन्होंने इस्तीफा दे दिया, जिसे अब मंज़ूरी मिल गई है। उनका करियर महत्वाकांक्षा और विवाद का एक मिश्रण रहा।

अलंकृता सिंह की कहानी उन युवा उम्मीदवारों के लिए एक सीख है, जो यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा पास कर देश की सेवा करने का सपना देखते हैं। यह दिखाता है कि परीक्षा पास करना एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन एक अधिकारी के रूप में अनुशासन और नियमों का पालन करना उससे भी अधिक महत्वपूर्ण है।

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